tag:blogger.com,1999:blog-13991332.post8451222650963666952..comments2023-11-05T13:46:53.389+05:30Comments on कल्पनाओं का वृक्ष More for your Finance: हिन्दी समाचार पत्र “नवभारत टाईम्स” की आंग्लभाषा के प्रति प्रेम की बानगी देखिये कि पूरा एक पेज ही आंग्लभाषा में शुरु कर दिया…विवेक रस्तोगीhttp://www.blogger.com/profile/01077993505906607655noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-13991332.post-75355839205609626352009-12-31T14:42:55.910+05:302009-12-31T14:42:55.910+05:30बहुत सही .सन १९५७ से मैं नवभारत टाईम्स का पाठक रहा...बहुत सही .सन १९५७ से मैं नवभारत टाईम्स का पाठक रहा . और इन्हीं कारणों से ४ साल से उसे अपने पठन से निकाल दिया है .RAJ SINHhttps://www.blogger.com/profile/01159692936125427653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-13991332.post-38484910627626667082009-12-31T08:09:12.915+05:302009-12-31T08:09:12.915+05:30विवेक भाई,
कहीं ऐसा दिन न आ जाए पूरा हिंदी अखबार ह...विवेक भाई,<br />कहीं ऐसा दिन न आ जाए पूरा हिंदी अखबार ही आंग्लभाषा में छपे और नीचे एक डिक्शनरी का नाम दे दिया जाए कि हिंदी में पढ़ना है तो यहां से मदद लें...<br /><br />नया साल आप और आपके परिवार के लिए असीम खुशियां लाए...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-13991332.post-714581808186557072009-12-30T21:35:53.329+05:302009-12-30T21:35:53.329+05:30अजब सी बात है!!
मुझसे किसी ने पूछा
तुम सबको टिप्...अजब सी बात है!!<br /><br /><br />मुझसे किसी ने पूछा<br />तुम सबको टिप्पणियाँ देते रहते हो, <br />तुम्हें क्या मिलता है..<br />मैंने हंस कर कहा:<br />देना लेना तो व्यापार है..<br />जो देकर कुछ न मांगे<br />वो ही तो प्यार हैं.<br /><br /><br /><b>नव वर्ष की बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ.</b>Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-13991332.post-90456742907774977802009-12-30T21:03:40.057+05:302009-12-30T21:03:40.057+05:30जिस तरह अंग्रेज़ी का द हिन्दुस्तान टाइम्स खत्म हो ग...जिस तरह अंग्रेज़ी का द हिन्दुस्तान टाइम्स खत्म हो गया....उसी तरह से हिन्दी का नवभारत टाइम्स अब अपनी आखिरी साँसे गिन रहा है.... हार की मार से पगला गया है बेचारा सम्पादक... यह उठा पटक चलती ही रहती है ।DIVINEPREACHINGShttps://www.blogger.com/profile/03244839554643566764noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-13991332.post-27521081838920400692009-12-30T19:45:46.215+05:302009-12-30T19:45:46.215+05:30समझ नहीं आता की जो समाचारपत्र हमारी मादरे ज़बान की ...समझ नहीं आता की जो समाचारपत्र हमारी मादरे ज़बान की इज्ज़त उधेड़ने में लगा हो लोग उसे आखिर पढ़ते ही क्यों हैं? वो भी पैसे देकर!!!<br /><br />agree with Dr Rupesh.ab inconvenientihttps://www.blogger.com/profile/16479285471274547360noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-13991332.post-57998291452438726382009-12-30T18:50:13.712+05:302009-12-30T18:50:13.712+05:30इस जानकारी के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
आपको नव वर्ष ...इस जानकारी के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद <br />आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-13991332.post-22963984993181583372009-12-30T18:14:00.598+05:302009-12-30T18:14:00.598+05:30विवेक भाई ये लोग कभी भी भाषा या लिपि के पक्ष या वि...विवेक भाई ये लोग कभी भी भाषा या लिपि के पक्ष या विरोध में नहीं रहे ये दुकानदार हैं जो दिखता है उसे बेच मारते हैं। ईमान,धर्म,नीतियां,निष्ठा,आस्था इन टाइम्स ग्रुप वालों ने सब बेच दिया है अगर वर्णसंकर भाषा का अखबार बेच रहे हैं तो क्या नया हुआ। आप और हमें यदि बुरा लगता है तो बहिष्कार कर दीजिये मत पढि़ये बस यही एक तरीका बचा हैडॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava)https://www.blogger.com/profile/13368132639758320994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-13991332.post-20208730100360648782009-12-30T16:09:30.794+05:302009-12-30T16:09:30.794+05:30इस विरोध मे आपके साथ हैं धन्यवाद नये साल की शुभकाम...इस विरोध मे आपके साथ हैं धन्यवाद नये साल की शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-13991332.post-44500288866502085532009-12-30T14:53:56.301+05:302009-12-30T14:53:56.301+05:30चूंकि इस दुनिया की सुविधाजनक भाषा इंग्लिश ही है, स...चूंकि इस दुनिया की सुविधाजनक भाषा इंग्लिश ही है, सिर्फ़ इस अखबार के लिये, ओर कुछ सर फ़िरे गुलामो के लिये , इन मुर्खो को बोलो पहले युरोप के अन्य देशो मै जा कर तो देखो.....राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.com